उमेश चन्द्र त्रिपाठी
नौतनवां महराजगंज! भारत-नेपाल सीमा से लगे सरहदी इलाकों में तीसरे मुल्कों से अवैध रूप से लाए जा रहे सामानों की तस्करी लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को नौतनवां थाना क्षेत्र के बैरियहवा रोड पर नेपाल सीमा के समीप पुलिस और एसएसबी की संयुक्त कार्रवाई में 94 बोरी तुर्की ब्रांड का मक्का जब्त किया गया। यह मक्का एक पिकअप वाहन में भरा हुआ था, जिसे तीसरे देश से नेपाल होते हुए भारत में अवैध रूप से प्रवेश कराया गया था।
कार्रवाई के दौरान जहां सुरक्षा एजेंसियों ने माल को सीज कर लिया, वहीं तस्कर पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल रहे। इस संयुक्त ऑपरेशन में एसएसबी के पांच जवान और पुलिस के दो जवान शामिल थे। हालांकि, तस्कर का बच निकलना सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अब यह घटनाएं आम हो गई हैं। तस्कर तीसरे देशों से नेपाल के रास्ते सामान लाकर सरहदी गांवों में छुपा देते हैं और मौका मिलते ही इन्हें भारत के बड़े शहरों तक पहुंचा देते हैं। तस्करों का यह नेटवर्क इतने व्यवस्थित तरीके से काम करता है कि आए दिन बरामदगियों के बावजूद मुख्य संचालक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
इस घटना के बाद सीमावर्ती इलाकों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि जब सुरक्षा एजेंसियां माल को पकड़ सकती हैं तो तस्करों तक क्यों नहीं पहुंच पा रहीं?
जानकारों का मानना है कि जब तक इस अवैध तस्करी नेटवर्क के पीछे मौजूद मास्टरमाइंड पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक यह काला कारोबार यूं ही चलता रहेगा।
पुलिस द्वारा वाहन और मक्का सीज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन एक बार फिर तस्करों का बच निकलना, सुरक्षा एजेंसियों की और पुलिस की कार्यशैली पर एक बड़ा प्रश्न-चिन्ह चिन्ह है।