मनोज कुमार त्रिपाठी
नागरिक बचाओ महाअभियान नेपाल आगामी फागुन १ गते (14 फरवरी) को झापा जिले के दमक में अपना तीसरा वार्षिक उत्सव मनाने जा रहा है। झापा के बिर्तामोड में माघ २० गते (3 फरवरी) को आयोजित केंद्रीय समिति बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस कार्यक्रम में एक लाख नागरिकों की उपस्थिति होगी। यह जानकारी अभियान के केंद्रीय प्रवक्ता एवं सांस्कृतिक विभाग संयोजक माधव कल्पित ने दी।
2079 साल फागुन १ गते (2023) को पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के हाथों पूर्वी नेपाल के मेची किनारे पर दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुए इस अभियान ने तीन वर्षों के दौरान 63 राष्ट्रीय नागरिक जागरूकता सभाएं संपन्न कर ली हैं। नागरिक समाज में अब तक 42 लाख से अधिक लोग विभिन्न राजनीतिक दलों को छोड़कर इस अभियान से जुड़ चुके हैं। नागरिकों के जीवन रक्षा हेतु यह अभियान आवश्यक हुआ, ऐसा अभियान के संस्थापक केंद्रीय अध्यक्ष दुर्गा प्रसाई ने बताया।
नेपाली राजनीति में विकल्प तलाश रहे नागरिकों के लिए यह अभियान आशा, विश्वास और भरोसे का केंद्र बन चुका है। यह नागरिकों के जीवन से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े मुद्दों को उठाते हुए बैंकों, सहकारी संस्थानों और लघु वित्त कंपनियों की ऊंची ब्याज दरों और ऋण के बोझ से तंग आकर आत्महत्या करने को मजबूर नागरिकों की रक्षा के उद्देश्य से सरकार की नीतियों के विरुद्ध आवाज उठा रहा है, ऐसा पहचान विभाग सचिव प्रेमदीप लिम्बू ने बताया।
सरकार द्वारा नागरिकों पर किए जा रहे दमन, भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी की समस्या का समाधान करने में विफल रहने पर तथा सत्ता के खेल में जनता को बार-बार छलने के विरोध में यह अभियान “फर्स्ट नेपाल, फर्स्ट नेपाली” के नारे के साथ व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्ष कर रहा है, ऐसा ऋण एसोसिएशन समिति के संयोजक देवी संग्रौला ने कहा।
प्रत्येक दिन हजारों नागरिक विभिन्न राजनीतिक दलों को छोड़कर इस अभियान में शामिल हो रहे हैं।