उमेश चन्द्र त्रिपाठी
उधम सिंह नगर! उधम सिंह नगर जिले के खटीमा तहसील क्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा पर नो मैन्स लैंड में दोनों देशों के नागरिकों ने अतिक्रमण कर लिया है, जिसे हटाने के लिए मंगलवार को खटीमा तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। खटीमा तहसील प्रशासन की इस कार्रवाई का नेपाली नागरिकों ने कड़ा विरोध किया। इस दौरान नेपाली नागरिकों और भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों के बीच नोंक-झोंक भी हुई।
दरअसल, खटीमा के मेलाघाट क्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा पर नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण हो रखा है, जिसे मंगलवार को हटाने और चिन्हिकरण करने भारत के खटीमा तहसील प्रशासन की टीम पहुंची थी। तभी एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट, वन विभाग की एसडीओ संचिता वर्मा, 57 वीं बटालियन एसएसबी के कमांडेंट मनोहर लाल के नेतृत्व में राजस्व विभाग और वन विभाग की टीम के नेपाली नागरिकों से नोंक-झोंक हुई।
इस दौरान मौके पर नेपाल के स्थानीय विधायक बेल बहादुर राणा, नेपाल एपीएफ, डीएसपी संतोष बी सिंह और इंस्पेक्टर देवेंद्र नाथ भी मौजूद थे।
बता दें कि बीते गुरुवार को संयुक्त टीम ने सर्वेक्षण के दौरान मुख्य पिलर 796 से लेकर 798 तक दोनों ओर से नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण पाया। जिस संबंध में कार्रवाई करते हुए भारत की तरफ से हुए अतिक्रमण को हटा दिया गया, लेकिन नेपाल की साइड से अभी तक नो मैन्स लैंड से अतिक्रमण नहीं हटाया गया।
बताया जा रहा है कि नेपाली नागरिकों ने भारतीय प्रशासन द्वारा बनाए गए चिन्हिकरण सबूत को भी मिटा दिए, जिसकी वजह से दोनों पक्षों के बीच नोंक-झोंक हुई।
हालांकि जैसे-तैसे विवाद को शांत किया गया। दोनों देशों के अधिकारियों ने वार्ता कर निर्णय लिया कि नो मैंस लैंड पर हुए अतिक्रमण को हटा लिया जाएगा।
मौके पर मौजूद एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट और कमांडेंट मनोहर लाल ने बताया कि नेपाली मीडिया द्वारा भ्रामक खबर फैलाकर नेपाली नागरिकों को गुमराह किया गया था। उन्होंने कहा कि नो मैंस लैंड पर भारत की तरफ से किए गए अतिक्रमण को हटा लिया गया है। इसके साथ ही नेपाल प्रशासन से बातचीत कर नेपाली नागरिकों से भी अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है, जहां विवाद की स्थिति होगी दोनों देशों के प्रशासन के बीच आपसी बातचीत व सौहार्दपूर्ण वातावरण में मामले का हल कर लिया जाएगा।