अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पांच किमी के भीतर कैसीनो संचालन पूरी तरह से अवैध
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
काठमांडू ! नेपाल की सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कैसीनो संचालन को लेकर लंबे समय से चले आ रहे कानूनी विवाद को समाप्त कर दिया है।
इस फैसले से सरकार के लिए कैसीनो संचालकों से रॉयल्टी और नवीकरण शुल्क वसूलने का रास्ता साफ हो गया है। अदालत ने फैसला दिया है कि कैसीनो संचालकों को अपना कारोबार सरकार द्वारा 2013 में लागू किए गए कैसीनो नियमों के अनुसार संचालित करना होगा ।
सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क और कानूनी
प्रावधान नियमों के अनुसार, कैसीनो को वित्तीय वर्ष की शुरुआत में 40 मिलियन रुपये की वार्षिक रॉयल्टी और 25 मिलियन रुपये का लाइसेंस और नवीनीकरण शुल्क देना होगा।
मिनी कैसीनो के लिए 10 मिलियन रुपये की वार्षिक रॉयल्टी और समतुल्य लाइसेंस एवं नवीनीकरण शुल्क का भुगतान करने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त, कानूनी प्रावधान यह है कि कैसीनो का संचालन अंतर्राष्ट्रीय सीमा से कम से कम पांच किलोमीटर दूर ही किया जा सकता है।
विवाद और सुप्रीम कोर्ट का फैसला
नेपाल-भारत सीमा पर कैसीनो संचालक इस नियम की अनदेखी करते हुए पांच किलोमीटर के दायरे में काम कर रहे थे। नियम लागू होने के बाद कुछ व्यवसायियों ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर कर मांग की कि कैसीनो को यथावत संचालित करने की अनुमति दी जाए।
इसी रिट याचिका पर अंतिम सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत और न्यायमूर्ति सपना प्रधान मल्ल, न्यायमूर्ति हरि प्रसाद फुयाल, न्यायमूर्ति मनोज कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति नहाकुल सुबेदी की संवैधानिक पीठ ने रिट याचिका खारिज कर दी।फैसले का पूरा पाठ अभी लंबित है।
सीमा क्षेत्र में कैसीनो संचालन पर प्रतिबंध
पुलिस प्रशासन ने दावा किया कि इससे सुरक्षा चुनौतियां बढ़ गईं, क्योंकि भारतीय श्रमिक और आम जनता आसानी से सीमा क्षेत्र में संचालित कैसीनो तक पहुंच सकते थे। इस फैसले से अब कैसीनो संचालकों को सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार ही काम करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी निर्णय दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पांच किलोमीटर के भीतर कैसीनो संचालित नहीं किये जा सकते। अन्यथा उन्हें अवैध माना जाएगा।