गैंगस्टर, हिस्ट्रीशीटर, तस्कर और अपराधियों तथा दलालों द्वारा महिमा मंडित होने से बचें नेता, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

महराजगंज ! उत्तर प्रदेश में गैंगस्टरों, हिस्ट्रीशीटरों, तस्करों और अपराधियों द्वारा पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं को महिमा मंडित होने से बचना चाहिए। इससे एक तरफ जहां आम जनता का पुलिस के प्रति विश्वास घट रहा है वहीं दूसरी तरफ ऐसे लोगों द्वारा महिमा मंडित होने से पुलिस का इकबाल गिर रहा है।

आए दिन ऐसा देखा जा रहा है कि अपराधी, तस्कर, हिस्ट्रीशीटर और गैंगस्टर जैसे अपराधी थानों में पहुंच कर पुलिस अधिकारियों को माला पहनाकर उनसे हाथ मिलाकर गले मिल रहे हैं। इस तरह का कृत्य पुलिस की छवि को दागदार बनाता है।

इस तरह का मामला महराजगंज जिले के सीमावर्ती थानों पर अक्सर देखने को मिल सकता है। जहां ऐसे तत्वों द्वारा थानाध्यक्षों को महिमा मंडित करना आम बात हो गई है। यदि पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी ऐसे तत्वों द्वारा महिमा मंडित होने से बचना चाहते हैं तो सभी थानों के अपराध रजिस्टर की जांच कर ऐसे अपराधी तत्वों को सख्ती से हिदायत दें की यह लोग अपने हाशिए में ही सीमित रहे।

ऐसा ही एक मामला आगरा में 05 जुलाई 2024 को चार्ज लेते दरोगा की कुर्सी छिन गई थी। वजह इतनी थी कि एक हिस्ट्रीशीटर ने थाने पहुंच कर नवागत दरोगा का स्वागत किया था। इतना ही नहीं हिस्ट्रीशीटर ने उन्हें माला पहनाई और मुस्कुराते हुए फोटो भी खिंचवाई। इसके बाद हिस्ट्रीशीटर ने फोटो को स्वयं सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। फोटो देखते ही कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ ने तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने थानाध्यक्ष मोहित शर्मा को लाइन हाजिर कर दिया। पूरा मामला निबोहरा थाने का है।

दरोगा को गोली मारने का आरोपी है हिस्ट्रीशीटर

हिस्ट्रीशीटर लोकेंद्र उर्फ लुक्का शाहवेद निबोहरा गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ आगरा के कई थानों में केस दर्ज है। उसने 2017 में राजाखेड़ा थाने में तैनात दरोगा टीनू सेंगरवाल को गोली मार थी। दरोगा को जुए की सूचना मिली थी। इस पर दरोगा छापेमारी करने पहुंचीं। लुक्का ने 2 साथियों के साथ मिलकर दरोगा पर फायरिंग कर दी। गर्दन पर गोली लगने से दरोगा घायल हो गईं। इसके बावजूद हार नहीं मानी। उन्होंने साहस दिखाते हुए बदमाश प्रवेंद्र कुमार और लोकेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने अप्रैल, 2024 में दोनों को 10-10 साल की सजा सुनाई। लोकेंद्र जमानत पर अभी बाहर है।

थाने में घुसा, फोटो खिंचवाई और चला गया

थानाध्यक्ष मोहित शर्मा ने 5 जुलाई को निबोहरा थाने का चार्ज लिया। इसी दौरान लुक्का थाने में घुस आया। उसने थानाध्यक्ष का स्वागत किया। फोटो खिंचवाकर आराम से चला गया। उसे किसी पुलिस वाले ने टोका तक नहीं। थोड़ी देर बाद हिस्ट्रीशीटर ने फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी। तस्वीर वायरल हो गई। शनिवार को फोटो जिले के बड़े अफसरों के पास पहुंच गई। दरोगा 5 जुलाई से छुट्टी पर थे। अफसरों ने दरोगा से पूछताछ की। इस पर दरोगा ने सफाई भी दी, लेकिन बात नहीं बनी। रात 10 बजे कमिश्नर ने दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया।

मैं पहली बार थाने गया, नहीं मालूम था वो हिस्ट्रीशीटर है- दरोगा 

थानाध्यक्ष ने अफसरों को बताया थानाध्यक्ष बनने के बाद कई लोग मुझसे मिलने आए थे। इनमें हिस्ट्रीशीटर भी शामिल था। मैं पहली बार थाने पर पहुंचा था। यहां पर तैनात किसी पुलिसकर्मी ने हिस्ट्रीशीटर के बारे में नहीं बताया। इसलिए मुझे उसके बारे में पता नहीं था। वह पूर्व थाना प्रभारी की विदाई में भी शामिल हुआ था।

थानेदार की कारखासी में हुए थे सस्पेंड

यह पहला मामला नहीं है, जब इंस्पेक्टर मोहित शर्मा का नाम चर्चा में आया हो। इससे पहले एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने खेरागढ़ थानेदार की कारखासी (तेल-पॉलिश लगाना) करने के आरोप में मोहित शर्मा को निलंबित किया था। इसके बाद चौकी इंचार्ज बसई रहते हुए मोहित का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें दरोगा पीड़ितों को धमका रहे थे, उन्हें थप्पड़ मारते दिख रहे थे।

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