काठमांडू में आज से होगी दो दिवसीय भारत-नेपाल वाणिज्य सचिव स्तरीय बैठक

 

नेपाल से भारत बड़े पैमाने पर चाइनीज लहसुन की तस्करी का मामला

सार

काठमांडू में भारत-नेपाल वाणिज्य सचिव स्तरीय वार्ता में चाइनीज लहसुन और पॉपकॉर्न पर विस्तृत चर्चा होगी। यह बैठक चार साल के बाद हो रही है। नेपाल के रास्ते ये उत्पाद भारत पहुंच कर भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। भारत सरकार इसकी गंभीरता को देखते हुए नेपाल के अधिकारियों से बातचीत कर रही है।

भारत-नेपाल वाणिज्य सचिव स्तरीय बैठक,मुख्य मुद्दा प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन पॉपकॉर्न,इसके अलावा तीन संधियों पर हो सकती है वार्ता

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

नई दिल्ली बिहार काठमांडू! भारत-नेपाल के वाणिज्य सचिव स्तर की बैठक चार साल के बाद नेपाल की राजधानी काठमांडू में गुरुवार से होगी। लंबे समय के बाद हो रही बैठक में भारत और नेपाल के बीच अन्य वाणिज्यिक मुद्दों के साथ मुख्य मुद्दा चीन से नेपाल के रास्ते भारत के बाजारों में पहुंच रहे चाइनीज लहसुन और पॉपकॉर्न का है।

वाणिज्य सचिव स्तर की वार्ता चार साल बाद 9 और 10 जनवरी को काठमांडू में आयोजित है। बैठक में भारत की ओर से सुनील बर्थवाल के नेतृत्व में टीम रहेगी तो नेपाल की ओर से गोविन्द बहादुर कार्की हैं। इससे पहले दोनों देशों के बीच वाणिज्य सचिव स्तर की वार्ता 2020 में हुई थी। वार्ता का मुख्य एजेंडा तय है।

चाइनीज लहसुन और पॉपकॉर्न मुख्य एजेंडा

भारत-नेपाल मामलों के जानकार एवं भारत नेपाल सामाजिक सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा बताते हैं कि नेपाल के विभिन्न रास्तों के माध्यम से भारतीय बाजारों में अवैध रूप से चाइनीज लहसुन और पॉपकॉर्न बड़े पैमाने पर पहुंच रहे हैं। भारत सरकार चाइनीज लहसुन के कारण नागरिकों के स्वास्थ्य को लेकर अति गंभीर है। फलस्वरूप प्राथमिकता के तौर पर वार्ता का विषय रखा गया है।

बैठक में तीन एजेंडों पर होगी वार्ता

बैठक में मुख्य रूप से तीन एजेंडों पर वार्ता होगी। नेपाल के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता बाबूराम अधिकारी ने पुष्टि करते हुए बताया कि दो दिवसीय वार्ता में नेपाल-भारत व्यापार संधि 2009, नेपाल-भारत परिवहन संधि 2023 और अनाधिकृत व्यापार समझौता 2009 के परिधि के निहित वार्ता होगी।

चाइनीज लहसुन का नेपाल में चीन से आयात नौ गुणा बढ़ा

नेपाल में चीन से लहसुन के आयात में आशातीत बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्तीय वर्ष में 5 माह के दौरान नौ गुना आयात बढ़ा है।

राजेश शर्मा बताते हैं कि चीन से नेपाल में होने वाली चाइनीज लहसुन की आयात को तस्करी के माध्यम से भारतीय बाजारों में धड़ल्ले से पहुंचाया जा रहा है।

नेपाली आयातकर्ता चाइनीज लहसुन और पॉपकॉर्न का आयात चीन की सीमा से नेपाल तातोपानी, रसुवा, कांकरभिट्ठा, विराटनगर सहित अन्य नाका से करते हैं। आयातकर्ता की ओर से भंसार बिंदु में जांच और पास कर चाइनीज लहसुन और पॉपकॉर्न को गोदाम में न लाकर वहीं से बिक्री कर देते हैं।

चीन के बाद भारत लहसुन उत्पादन का दूसरा सबसे बड़ा देश

चीन के बाद भारत लहसुन उत्पादन का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत में लहसुन की सबसे ज्यादा खेती मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में होती है। भारत से लहसुन का निर्यात इंडोनेशिया, ब्राजील, मलेशिया, वियतनाम और अमेरिका जैसे देशों में होती है।

इस साल भारत में कम उत्पादन होने का लाभ नेपाल के व्यापारी उठा रहे हैं। नेपाल के व्यापारियों की ओर से तस्करी के माध्यम से अवैध रूप से चाइनीज लहसुन को भारतीय बाजारों में भेजा जा रहा है। चाइनीज लहसुन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यही कारण है कि भारत सरकार की ओर से चीन में उत्पादित लहसुन के आयात पर 2014 से ही प्रतिबंध लगा रखा है।

बिहार के पूर्णिया और यूपी के महराजगंज, मध्यप्रदेश में पकड़ाया था करोड़ों का चाइनीज लहसुन

पिछले दिनों पूर्णिया में राजेश गुप्ता नामक एक व्यापारी के गोदाम से पटना से आई डीआरआई की टीम ने करोड़ों रुपये मूल्य के चाइनीज लहसुन को जब्त किया था। नेपाल से कैरिंग कर कोचगामा के रास्ते भारत लाए गए चाइनीज लहसुन को एसएसबी की ओर से भी जब्ती की गई।

मामले में एसएसबी ने तीन लोगों को हिरासत में भी लिया था। एक दिन पहले ही मंगलवार को किशनगंज सीमा एसएसबी ने लाखों रुपये मूल्य के चाइनीज पॉपकॉर्न भी जब्त किया है।

चाइनीज लहसुन और पॉपकॉर्न से भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान

नेपाल के रास्ते भारत पहुंच रही चाइनीज लहसुन और पॉपकॉर्न से भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंच रहा है तीसरे देश चीन का लहसुन प्रतिबंध के बावजूद भारतीय बाजारों में पहुंच रहा है।

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