गायत्री माता की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करना मेरा पर सौभाग्य – कुंवर कौशल उर्फ मुन्ना सिंह पूर्व विधायक नौतनवां
गायत्री माता की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा से नगर और ग्रामीण क्षेत्र के लोग प्रफुल्लित – जीतेन्द्र जायसवाल वरिष्ठ भाजपा नेता नौतनवां
मनोज कुमार त्रिपाठी/उमेश चन्द्र त्रिपाठी
नौतनवां नगर स्थित गायत्री चेतना केंद्र परिसर में आज पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच माता गायत्री की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा किए जाने के साथ ही यहां गायत्री मंत्र की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। गायत्री माता की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान नौतनवां विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक कुंवर कौशल उर्फ मुन्ना सिंह सपत्नीक मौजूद रहे।

शांतिकुंज हरिद्वार से आए गायत्री परिवार के प्रशिक्षित टोली के नायक श्री तपस्या आचार्य ने शनिवार को अपने प्रवचन में कहा कि अध्यात्म पर ही विज्ञान टिका है।
विज्ञान के बल पर सभी रोगों का इलाज संभव नहीं है लेकिन अध्यात्म यानी योग से किसी भी रोगों पर काबू पाया जा सकता है। गायत्री परिवार के आचार्य ने हर व्यक्ति स्वस्थ कैसे रहें, उनमें रोगों से लड़ने की ताकत कैसे आए, वे अपनी गुत्थी स्वयं कैसे सुलझाएं आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कई अध्यात्मिक जीवन शैली भी बतायी। उन्होंने कहा कि विज्ञान का चमत्कार तो आध्यात्म की परिभाषा को खंगालने के बाद ही दिखाई देती है। विज्ञान व अध्यात्म परस्पर पूरक हैं। अध्यात्म एक उच्च स्तरीय विज्ञान है दोनों के पारस्परिक सहयोग पर ही इस धरती का भविष्य टिका है।
उन्होंने योग साधना को ना सिर्फ समस्त रोगों से मुक्ति की एकमात्र कुंजी बतायी बल्कि सुखी जीवन का भी एकमात्र रास्ता बताया।
गायत्री यज्ञ स्थल पर गायत्री परिवार से जुड़ी ज्ञान दायक पुस्तको की भी दुकानें सजी हैं । नवनिर्मित माता गायत्री मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मोजूद रही । मां गायत्री की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा बड़े ही विधि-विधान से संपन्न की गई।
मां गायत्री की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कई दिनों से कुल 15 साधक गायत्री महामंत्र के अनुष्ठान में तन मन से लगे थे। गायत्री परिवार से जुड़े राजा वर्मा, पंकज श्रीवास्तव, प्रेम नाथ तिवारी, एडवोकेट सुनील कुमार श्रीवास्तव, अजय कुमार श्रीवास्तव, एडवोकेट श्री योगेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव,श्री राजेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव,श्री बृद्धि चंद कुंवर,श्री फुलेमान यादव,श्री निर्मल शर्मा, विजय श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 26 जनवरी रविवार को महायज्ञ, पूर्णाहुति एवं देव विदाई के बाद कार्यक्रम का समापन होगा जाएगा।