मनोज कुमार त्रिपाठी
भैरहवा, 27 चैत। भारतीय सीमा से सटे रूपंदेही जिले के भैरहवा स्थित गौतमबुद्ध अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को पुनः नियमित और सुचारु रूप से संचालन की मांग को लेकर संयुक्त रूप से आंदोलन की घोषणा की गई है। सिद्धार्थ उद्योग वाणिज्य संघ, रूपंदेही, सिद्धार्थ नेटवर्क, रूपंदेही और चेम्बर ऑफ कॉमर्स, रूपंदेही (उद्योग व्यापार संगठन, रूपंदेही) ने बुधवार को भैरहवा में एक पत्रकार सम्मेलन कर चरणबद्ध आंदोलन कार्यक्रमों की घोषणा की।
यदि मांगों की सुनवाई नहीं हुई, तो आंदोलन के दूसरे चरण के अंतर्गत हवाई अड्डे के गेट के सामने नियमित धरना और विरोध सभाएं आयोजित की जाएंगी। यदि इससे भी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें सुचारु नहीं हुईं, तो आंतरिक और बाह्य टर्मिनलों के सामने विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
यह जानकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल कुमार ज्ञवाली ने दी। उन्होंने कहा, “हम संबंधित मंत्रालय के मंत्री और कर्मचारियों को हवाई अड्डे में प्रवेश से रोकेंगे और उन्हें काले झंडे दिखाएंगे। साथ ही, आंतरिक टर्मिनल से यात्राएं रोकने के लिए टिकट न काटने का आह्वान करेंगे और गेट पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर आवाजाही बंद कराएंगे।
आंदोलन के पहले चरण के तहत रूपंदेही के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों, संघीय और प्रांतीय संसद सदस्यों से बातचीत कर समर्थन लिया जाएगा। साथ ही एयरलाइनों के प्रमुखों से भी चर्चा की जाएगी।
ज्ञवाली ने बताया कि हजारों की संख्या में संघ-संगठन, राजनीतिक दल, आम नागरिक और जनप्रतिनिधि मिलकर हवाई अड्डे के सामने अल्टीमेटम देते हुए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे और यदि इसके बाद भी उड़ानें शुरू नहीं होतीं, तो प्रधानमंत्री, पर्यटन, अर्थ, श्रम, स्वास्थ्य मंत्री सहित संबंधित सचिवों और नेपाल वायुसेवा निगम के प्रमुखों से संपर्क कर ध्यानाकर्षण कराया जाएगा।
इसके साथ ही, काली पट्टी बांधकर दबाव मूलक विरोध प्रदर्शन, शांतिपूर्ण रैलियां और बाजार परिक्रमा की जाएगी।
ज्ञवाली ने चेतावनी दी कि यदि शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने उग्र रूप लिया, तो इसकी जिम्मेदारी नेपाल सरकार की होगी। “अगर इसके बाद भी हमारी मांग पूरी नहीं हुई, तो हम तीसरे चरण के आंदोलन की घोषणा करने को बाध्य होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि पहले सरकार द्वारा हवाई अड्डे को संचालन में लाने की प्रतिबद्धता जताए जाने पर आंदोलन को स्थगित किया गया था, लेकिन सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया।
सिद्धार्थ उद्योग वाणिज्य संघ के अध्यक्ष नेत्र प्रसाद आचार्य ने कहा कि राज्य ने गौतम बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को केवल डाइवर्जन के रूप में उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि अब आंदोलन को निर्णायक रूप में आगे बढ़ाया जाएगा और लुंबिनी प्रदेश के सभी निजी क्षेत्रों को साथ लेकर चलेंगे।
उन्होंने कहा, “हम लुंबिनी प्रदेश के निजी क्षेत्र के नेताओं से चर्चा कर उनके नेतृत्व में आंदोलन करेंगे, जिससे आंदोलन को सार्थकता मिलेगी। नेतृत्व कोई भी करे, फर्क नहीं पड़ता।” उन्होंने यह भी मांग की कि हवाई अड्डे के संचालन के लिए सिद्धार्थनगर नगरपालिका सहित सभी स्थानीय निकायों को पहल करनी चाहिए। संघीय सरकार ने सहयोग नहीं किया और स्थानीय सरकार ने भी अब तक कोई खास पहल नहीं की।
उद्योग व्यापार संगठन, रूपंदेही के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सचिन रोक्का ने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार समझौता कर भी उसे न मानने के कारण बार-बार आंदोलन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा बनकर भी अगर संचालन में नहीं हो रहा है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। रूपंदेही के विकास के लिए हवाई अड्डे का संचालन होना बेहद जरूरी है। सभी संघ-संस्थाओं को मिलकर आगे बढ़ना होगा।
सिद्धार्थ उद्योग वाणिज्य संघ के महासचिव कृष्ण प्रसाद घिमिरे ने कहा कि हवाई अड्डे के नियमित संचालन के लिए सरकार की इच्छा शक्ति नहीं है। सरकार ने कई बार आश्वासन दिया, लेकिन हवाई अड्डा अब तक पूर्ण रूप से और नियमित रूप से संचालन में नहीं आ सका।
नेपाल एसोसिएशन ऑफ टूर एंड ट्रैवल एजेंट्स (नाट्टा), लुंबिनी प्रदेश के अध्यक्ष चंद्र बहादुर थापा ने कहा कि नियमित अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की अनिश्चितता के कारण व्यापारी निवेश करने से पीछे हट रहे हैं। उन्होंने कहा, “संभावना हो तो निवेश किया जा सकता है, लेकिन जब नियमित अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें नहीं हैं, तो कैसे निवेश करें!