गिरफ्तार राप्रपा के नेताओं को रिहा किया जाए और दुर्गा प्रसाई की सुरक्षा की जाए
मनोज कुमार त्रिपाठी
काठमांडू नेपाल! विश्व हिंदू महासंघ नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अस्मिता भंडारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि दुनिया का एकमात्र हिंदू अधिराज्य के रूप में पहचाना जाने वाला हमारा देश नेपाल, आज धर्मनिरपेक्ष संविधान की आड़ में दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ते धर्मांतरण और धार्मिक एवं सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने वाली गतिविधियों का सामना कर रहा है। इससे देश में धार्मिक संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होने की गम्भीर आशंका है, जिसे लेकर विश्व हिन्दू महासंघ अत्यन्त चिन्तित और गंभीर है।
इसी क्रम में, संवैधानिक राजतंत्र और हिन्दू अधिराज्य की पुनः स्थापना की मांग को लेकर चैत्र १५ गते (28 मार्च) को काठमांडू में आयोजित शांतिपूर्ण विरोध सभा के दौरान योजनाबद्ध रूप से हुई हत्या, हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं पर महासंघ गहरा दुःख और चिंता व्यक्त करता है।
हम सरकार से यह मांग करते हैं कि इन घटनाओं की सत्य और तथ्य पर आधारित निष्पक्ष जांच हेतु एक उच्चस्तरीय न्यायिक आयोग का गठन किया जाए। साथ ही, शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान राज संस्था पुनर्स्थापना समिति के संयोजक नवराज सुवेदी को उनके ही निवास में नजरबंद किया गया है, तथा राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के वरिष्ठ नेता रविन्द्र मिश्र, महामंत्री एवं प्रतिनिधि सभा सदस्य माननीय धवल शमशेर राणा, और अभियंता पशुपति खड़का सहित सभी हिन्दूवादी कार्यकर्ताओं को तत्काल और बिना शर्त रिहा किया जाए। यह हमारी जोरदार मांग है।
इसी प्रकार, राष्ट्र, राष्ट्रीयता, धर्म-संस्कृति बचाओ महाअभियान के संयोजक दुर्गा प्रसाई के मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने हेतु राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग और नेपाल सरकार से अनुरोध करते हैं।
इसके अतिरिक्त, हाल ही में चैत्र ३० गते (12 अप्रैल) हनुमान जयंती के अवसर पर वीरगंज में हिन्दू और इस्लाम धर्मावलम्बियों के बीच हुए झड़प जैसी घटनाएं समाज को अराजकता की ओर धकेलती हैं। हम सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हैं और ऐसी घटनाओं की रोकथाम की तत्काल आवश्यकता पर बल देते हैं।