महाकुंभ मेले में साइबर घोटालों का खतरा, यूपी पुलिस का अलर्ट

उमेश चन्द्र त्रिपाठी 

दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक प्रयागराज का महाकुंभ मेला, जहां लाखों श्रद्धालु अपनी धार्मिक आस्था के लिए जुटते हैं, दुर्भाग्यवश साइबर अपराधियों के निशाने पर आ गया है। हाल के दिनों में यूपी पुलिस ने तीर्थयात्रियों को विभिन्न साइबर घोटालों से सतर्क रहने की अपील की है।

 

साइबर अपराधियों की नई चालें

 

महाकुंभ मेले के दौरान फर्जी बुकिंग वेबसाइटों और अन्य साइबर घोटालों की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इन घटनाओं के प्रमुख पहलुओं में शामिल हैं।

 

फर्जी बुकिंग वेबसाइटें

 

साइबर अपराधियों ने महाकुंभ के दौरान आवास सुविधाओं जैसे कॉटेज, टेंट और होटलों की बुकिंग के लिए फर्जी वेबसाइटें बना ली हैं। ये वेबसाइटें आधिकारिक बुकिंग प्लेटफार्मों की हूबहू नकल करती हैं और तीर्थ यात्रियों को धोखा देकर गैर-मौजूद बुकिंग के लिए भुगतान करवाती हैं। प्रयागराज पुलिस ने हाल ही में ऐसे कई अभियानों का भंडाफोड़ किया है।

 

सोशल मीडिया पर अलर्ट जारी

 

पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिए लोगों को बार-बार चेतावनी दी है। उन्होंने श्रद्धालुओं से केवल सत्यापित और आधिकारिक चैनलों का उपयोग करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी देने की अपील की है।

 

सावधानी बरतने के उपाय

 

महाकुंभ के दौरान साइबर घोटालों से बचने के लिए यूपी पुलिस ने तीर्थयात्रियों को निम्नलिखित सुझाव दिए हैं।

 

वेबसाइट की सत्यता जांचें 

 

बुकिंग करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप आधिकारिक या सत्यापित वेबसाइट पर हैं। वेबसाइट के यूआरएल में HTTPS की जांच करें और साइट पर दिए गए आधिकारिक लोगो का सत्यापन करें।

 

संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें ,

किसी भी अनजान लिंक या ईमेल पर क्लिक करने से बचें,

सत्यापित प्लेटफार्मों का उपयोग करें

बुकिंग और लेन-देन के लिए केवल सरकारी या अधिकृत वेबसाइटों का ही उपयोग करें।

 

पुलिस की अपील

 

यूपी पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी साइबर धोखाधड़ी के शिकार न बनें और कोई भी संदेहजनक गतिविधि दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस का कहना है, “सावधान रहें, सुरक्षित रहें।”

 

महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन के दौरान तीर्थ यात्रियों को पूरी सतर्कता के साथ यात्रा और बुकिंग से जुड़ी गतिविधियों को संचालित करने की आवश्यकता है, ताकि वे अपने धार्मिक अनुभव को सुरक्षित और सुखद बना सकें।

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