मनोज कुमार त्रिपाठी
भैरहवा नेपाल! लुंबिनी प्रांत के मुख्यमंत्री चेत नारायण आचार्य ने खुली सीमा तक आसान पहुंच का दुरुपयोग कर सक्रिय मानव तस्करी गिरोहों पर चिंता व्यक्त की है। नेपाल और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को याद करते हुए मुख्यमंत्री आचार्य ने इस समस्या के समाधान के लिए दोनों देशों के बीच विशेष नीति अपनाने की जरूरत बताई।
सोमवार को लुंबिनी में सुरक्षित प्रवास के माध्यम से मानव तस्करी पर नियंत्रण विषय पर भारत-नेपाल क्षेत्रीय वार्ता का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री आचार्य ने कहा कि शिक्षा, जागरूकता और रोजगार की कमी के कारण नेपाल में मानव तस्करी की समस्या गंभीर मुद्दा है।
उन्होंने कहा कि लुंबिनी प्रांत की भारत के साथ न केवल लंबी सीमा है बल्कि गहरे सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध भी हैं। इसलिए हम पड़ोसी के रूप में मिलकर कुछ समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री आचार्य ने कहा कि मानव तस्करी को नियंत्रित करने और सुरक्षित प्रवास सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की नीति की आवश्यकता है। दोनों देशों को सीमा पर एक विशेष नीति अपनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि प्रांतीय सरकार ने सुरक्षित आव्रजन को बढ़ावा देने तथा अवैध आव्रजन एवं मानव तस्करी को रोकने के लिए विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रांतीय सरकार जागरूकता अभियान चलाने, कौशल आधारित प्रशिक्षण प्रदान करने, सुरक्षित रोजगार को बढ़ावा देने और सीमा निगरानी कड़ी करने के लिए पहल कर रही है। मुख्यमंत्री आचार्य ने दोनों देशों द्वारा नेपाल-भारत सीमा क्षेत्र में सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने तथा मानव तस्करी के खिलाफ एक साझा रणनीति विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बेस संगठन के संस्थापक और लुंबिनी प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री दिल्ली बहादुर चौधरी ने की तथा संचालन मुख्यमंत्री चेत नारायण आचार्य ने किया। सुरक्षित प्रवासन और मानव तस्करी की रोकथाम के लिए रणनीतियों और लुंबिनी प्रांत में प्रवासन और मानव तस्करी को नियंत्रित करने के लिए रणनीति के विकास पर नेपाल और भारत के नीति निर्माताओं, नागरिक समाज और हितधारकों की भागीदारी के साथ चर्चा की गई।