प्रयागराज कुंभ जाने की तैयारी में है नेपाल के राजा ज्ञानेन्द्र? 

 

 

नेपाल के श्रद्धालुओं का भी महाकुंभ में लगेगा तांता 

नेपाल ही नहीं दुनिया भर के सनातनियों के लिए अद्भभुत होगा प्रयागराज का कुंभ मेला 

मनोज कुमार त्रिपाठी 

भैरहवा नेपाल! महाकुंभ सनातन आस्था का सबसे बड़ा आयोजन होने के साथ बहुत सी सनातन परंपराओं का वाहक भी है। इसमें से महाकुंभ की एक महत्वपूर्ण परंपरा है संगम तट पर कल्पवास करना। 

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शास्त्रीय मान्यता के अनुसार कल्पवास, पौष पूर्णिमा की से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक पूरे एक माह तक किया जाता है। इस महाकुंभ में कल्पवास 13 जनवरी से शुरू होकर 12 फरवरी तक संगम तट पर किया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार कल्पवास में श्रद्धालु नियमपूर्वक, संकल्पपूर्वक एक माह तक संगम तट पर निवास करते हैं। कल्पवास के दौरान श्रद्धालु तीनों काल गंगा स्नान कर, जप, तप, ध्यान,पूजन और सत्संग करते हैं। 

महाकुंभ 2025 में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के कल्पवास करने का अनुमान है। महाकुंभ की विशेष परंपरा कल्पवास का निर्वहन करने के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सीएम योगी की प्रेरणा से सभी जरूरी इंतजाम किए हैं। मेला क्षेत्र में गंगा जी के तट पर झूंसी से फाफामऊ तक लगभग 1.6 लाख टेंट, कल्पवासियों के लिए लगवाए गए हैं। इन सभी कल्पवासियों के टेंटों के लिए बिजली, पानी के कनेक्शन के साथ शौचालयों का निर्माण कराया गया है। कल्पवासियों को अपने टेंट तक आसानी से पहुंचने के लिए चेकर्ड प्लेट्स की लगभग 650 किलोमीटर की अस्थाई सड़कों और 30 पंटून पुलों का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही CM योगी के निर्देश के मुताबिक कल्पवासियों को महाकुंभ में सस्ती दर पर राशन और सिलेंडर भी उपलब्‍ध कराया जाएगा। कल्पवासियों के गंगा स्नान के लिए घाटों के निर्माण किया गया है। उनकी सुरक्षा के लिए जल पुलिस और गंगा नदी में बैरिकेडिंग भी की गई है।

 

 

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