राजा समर्थकों के उग्र आंदोलन से अशांत रहा काठमांडू

आगजनी, पत्थरबाजी से हलकान रहा काठमांडू प्रशासन, दोनों ओर से दो दर्जन से अधिक चोटिल

मनोज कुमार त्रिपाठी 

काठमांडू! राजधानी काठमांडू के हालात बेकाबू हैं। शुक्रवार को गणतंत्र बनाम राजतंत्र समर्थको की जोर आजमाइश में माहौल हिंसक हो उठा। हालात ये है कि काठमांडू प्रशासन को कर्फ्यू लगाने को मजबूर होना पड़ा। प्रमुख जिलाधिकारी ऋषि राम तिवारी ने मीडिया को बताया कि अभी रात दस बजे तक के लिए संवेदन शील वार्डों में कर्फ्यू लगाया गया है। आगे के लिए बाद में निर्णय लेंगे।

राजा समर्थकों की बेकाबू भीड़ उस वक्त उग्र हो गई जब उन्हे बागेश्वर की तरफ जाने से रोका गया। राजा वादी प्रदर्शनकारी नेपाली संसद भवन की ओर जाना चाहते थे। पुलिस द्वारा रोके जाने से खफा राजा वादी समर्थक आंदोलनकारी हिंसा पर उतारू हो गए। नेपाल पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रदर्शन कारियों की ओर से ईंट पत्थर चलाए गए। सरकारी और गैर सरकारी संपत्तियों में आग लगाई गई । तिनकुने स्थित रायल वेंक्वेट के पास दो घरों में आग लगाई गई । कुल 25 लोगों के चोटिल होने की सूचना है।

प्रदर्शनकारियो ने कांतिपुर टेलीवीजन और अन्नपूर्णा पोस्ट के दफ्तरों को भी निशाना बनाया। एक राजनीतिक दल के कार्यालय में भी आग लगाई गई । प्रदर्शन कारियों की पत्थरबाजी में दर्जन भर महिला और पुरूष पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं वहीं पुलिस द्वारा चलाई गई रबर की गोली से एक प्रदर्शनकारी घायल हुआ है जिसे कांतिपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आगजनी वाले क्षेत्रों में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां दौड़ती भागती देखी गई।

कुल मिलाकर शुक्रवार का दिन ओली सरकार और काठमांडू प्रशासन के लिए चुनौती पूर्ण था। राजा वादी प्रदर्शन कारियों और पुलिस से झड़प के बीच उनका शांतिपूर्ण प्रदर्शन का दावा तार-तार हो गया और वह अराजकता की भेंट चढ़ गया।

मालूम हो कि प्रचंड गुट ने शुक्रवार को गणतंत्र समर्थन के पक्ष में प्रदर्शन की घोषणा कर रखी थी।

उसके फौरन बाद राजा वादी समर्थकों ने भी राजशाही के समर्थन में प्रदर्शन की घोषणा कर दी।

प्रचंड गुट के प्रदर्शन का नेतृत्व नेत्र बिक्रम चंद विप्लव ने संभाल रखा था जबकि राजा समर्थन की रैली का नेतृत्व राष्ट्र, राष्ट्रीयता, धर्म, संस्कृति और नागरिक बचाओ महाअभियान नेपाल के केंद्रीय अध्यक्ष दुर्गा प्रसाई ने संभाल रखी थी। प्रचंड गुट के गणतंत्र प्रदर्शन का केंद्र भृकुटी मंडप था और राजा समर्थकों की रैली का केंद्र तिनकुने था।

काठमांडू प्रशासन ने दोनों स्थलों पर भारी पुलिस बल तैनात कर रखा था। दोनों ही इलाका पुलिस छावनी में तब्दील था। बताते हैं कि राजा समर्थको के प्रदर्शन में एक विवादित साधू के उत्तेजक नारों से स्थित बिगड़ गई ।

सुबह से ही राजा समर्थकों की भीड़ काठमांडू के प्रमुख वार्डों से ‘राजा लाओ देश बचाओ’ ‘हाम्रो राजा हाम्रो देश’ और नारायणहिती खाली गर’ की गगन चुंबी नारों के साथ तिनकुने पंहुचने से पहले ही अराजकता में तब्दील हो गई। इस अफरातफरी के बीच प्रचंड गुट का प्रदर्शन हवा हो गया।

समाजवादी मोर्चा का दावा, प्रदर्शन में जुटे लाखों लोग

उधर समाजवादी मोर्चा ने काठमांडू में हुए अपने प्रदर्शन में लाखों की भागीदारी का दावा किया है। मोर्चा से जुड़े चार दलों के अध्यक्षों ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम यथास्थिति और प्रतिगामी षड्यंत्र के खिलाफ, गणतंत्र को मजबूत करने और राष्ट्रीय स्वाधीनता की रक्षा के उद्देश्य से भव्य रूप से संपन्न हुआ।

हालांकि, गृह मंत्रालय ने दावा किया है कि मोर्चा के इस कार्यक्रम में करीब 35,000 लोग ही शामिल हुए।

विज्ञप्ति में कहा गया, “इस विशाल जनसमर्थन और भागीदारी से घबराए पुनरुत्थानवादी और अराजक तत्वों ने अराजकता फैलाते हुए नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत समाजवादी) के केंद्रीय कार्यालय, काठमांडू जिला कार्यालय, अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल के भाई सरोज नेपाल के निजी निवास सहित कई स्थानों पर तोड़फोड़ और आगजनी की है।

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