नेपाल ने सुस्ता गांव के लिए बनाया 2 किमी लंबा पुल 

तीन करोड़ की लागत से बना यह पुल

पुल से सुस्ता गांव का आवागमन हुआ आसान 

पुल से गांव की आर्थिक स्थिति में होगा सुधार 

उमेश चन्द्र त्रिपाठी 

महराजगंज– आज के आधुनिक युग में भी देश और दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं जहां पहुंचना अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। ऐसे इलाकों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत रहती हैं। उत्तर प्रदेश का महराजगंज जिला नेपाल की खुली सीमा से जुड़ा हुआ है। जहां हर रोज हजारों की संख्या में लोग भारत-नेपाल के बीच आवाजाही करते हैं।

बता दें कि महराजगंज जिले से सटा हुआ नेपाल का एक छोटा सा गांव है सुस्ता, जो अपनी खास भौगोलिक स्थिति के कारण जाना जाता है। बीते वर्षों तक यह गांव यातायात की मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह वंचित था। यहां के लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती थी, जो अपने आप में बेहद जोखिम भरा कार्य था।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, पहले उन्हें किसी भी जरूरी काम से बाहर जाने के लिए नाव की मदद लेनी पड़ती थी। कई बार घंटों तक नाव का इंतजार करना पड़ता था, कई मौकों पर रात भी नदी के किनारे गुजारनी पड़ती थी। यह स्थिति बेहद कठिन और असुरक्षित थी।

इन समस्याओं को देखते हुए नेपाल सरकार ने इस गांव को मुख्यधारा से जोड़ने का निर्णय लिया और करीब 2 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण किया। अब यह पुल सुस्ता को बाकी नेपाल से सीधा जोड़ता है, जिससे आवागमन आसान हो गया है।

लगभग 30 करोड़ रुपये के बजट से बना यह पुल न सिर्फ यातायात की सुविधा दे रहा है, बल्कि गांव के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव भी ला रहा है। पुल के बन जाने के बाद यहां कई दुकानें खुल गई हैं, जिससे रोजगार के नए अवसर भी मिले हैं।

स्थानीय लोग बताते हैं कि अब उनके बच्चे भी शिक्षा के लिए आसानी से दूसरे इलाकों में जा सकते हैं। व्यापार और दैनिक गतिविधियों के लिए बाहर जाना अब कोई मुश्किल काम नहीं रहा। इसके साथ ही गांव की आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिला है।

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