मनोज कुमार त्रिपाठी
काठमांडू! बुधवार को काठमांडू में राष्ट्रीय युवा संघ नेपाल द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्वयं सेवक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि जब सरकार ने एक कर्मचारी को बर्खास्त किया, तो कुछ लोग इस पर रोना रो रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर जवाब देना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को हटाकर दूसरे को नियुक्त करना प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि सरकार का काम किसी की मदद करने के लिए मनमाने ढंग से नियुक्तियां करना नहीं है।
प्रधानमंत्री ओली ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे 30 चैत्र तक अध्यादेशों की जगह विधेयक पारित होने से रोकने के लिए सदन में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने विपक्षी दलों को हल्के-फुल्के और आवेगपूर्ण व्यवहार से बचने की सलाह भी दी।
प्रधानमंत्री ओली ने विपक्षी दलों को जल्दबाजी में कोई भी बयान देने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि इससे वे खुद मुश्किल में पड़ सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नेपाली जनता ने जिन अधिकारों के लिए संघर्ष किया है, उन्हें छीनने की ताकत किसी के पास नहीं है।
यूएमएल अध्यक्ष ओली ने राष्ट्रीय युवा संघ को निर्देश दिया कि वे किसी भी प्रतिक्रियावादी ताकत का कड़ा विरोध करें, जो उनके सामने आए या विकास कार्यों में बाधा डालने का प्रयास करे।