प्रचंड ने संविधान और लोगों के अधिकारों की रक्षा जारी रखने की जताई प्रतिबद्धता 

उमेश चन्द्र त्रिपाठी 

काठमांडू नेपाल! नेपाल में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल उर्फ प्रचंड ने कहा है कि वह जनांदोलन के बल पर गठित संविधान में स्थापित मानदंडों और जन अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

तत्कालीन नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नेतृत्व में 1 फरवरी 2052 से शुरू हुए सशस्त्र संघर्ष की 30 वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज परिस डांडा स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि संविधान के प्रगतिशील प्रावधानों को पलटने के प्रयासों को विफल किया जाएगा।

अभी भी दो वर्गों और प्रवृत्तियों के बीच संघर्ष जारी है। अध्यक्ष दहाल ने कहा, “हमने कई साल पहले ही यह आकलन कर लिया था कि अगर हम संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य तक पहुंच भी गए तो भी इसे लोगों का गणराज्य बनने से रोकने की कोशिशें की जाएगी। आज यही स्थिति है। कुछ तत्व संविधान के प्रगतिशील प्रावधानों को पलटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम इसे समाजवादी गणराज्य के रूप में ही छोड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि माओवादी समुदाय में वापस लौटकर लोगों के ‘एजेंडे’ को मजबूती से आगे बढ़ाने तथा लोगों के साथ एकता को मजबूत करने के लिए वह कृत-संकल्प हैं। 

अध्यक्ष दहाल ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी को राजनीतिक स्तर पर ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल करने के बाद भी लोगों के जीवन में बदलाव लाने के प्रयासों में हाथ मिलाना चाहिए।

इस अवसर पर अध्यक्ष दहाल समेत माओवादी नेताओं ने पार्टी कार्यालय परिसर स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

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