भारतीय सेना में टेक्निकल आफिसर पद पर चयनित प्रद्दुम्न गुप्त ने बढ़ाया जिले और परिवार मान

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

महराजगंज! महाराजगंज के प्रद्युम्न गुप्त ने भारतीय सेना में टेक्निकल ऑफिसर के रूप में चयनित होकर जिले और परिवार मान बढ़ाया है।एक वर्ष की कठोर सैन्य प्रशिक्षण के बाद, वे भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त करेंगे। उनकी इस उपलब्धि पर परिवार, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों में हर्ष का माहौल है।

प्रद्युम्न ने अपनी स्कूली शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से पूरी की। उन्होंने 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा केंद्रीय विद्यालय, पठानकोट से उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने एनआईटी जालंधर से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक की डिग्री हासिल की। उच्च शिक्षा के उपरांत उन्होंने एक अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में तीन वर्षों तक कार्य किया।

हालांकि प्रद्युम्न का सपना सेना में अधिकारी बनने का था। उन्होंने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर भारतीय सेना के टेक्निकल ऑफिसर पद के लिए चयन प्रक्रिया में भाग लिया और सफलता हासिल की। उनकी इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया कि यदि लगन और परिश्रम हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।

प्रद्युम्न का परिवार देश सेवा की गौरवशाली परंपरा से जुड़ा हुआ है। उनके पिता ने भारतीय वायु सेना में 32 वर्षों तक सेवा प्रदान की और वारंट ऑफिसर के पद से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद वे समाज सेवा से जुड़े और वर्तमान में महाराजगंज एसपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलर के रूप में कार्यरत हैं।

प्रद्युम्न की माता एक समर्पित गृहिणी हैं जिन्होंने पूरे परिवार को सशक्त आधार और प्रेरणा दी। उन्होंने अपने बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और परिवार को एकजुट रखते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी।

प्रद्युम्न की दो बहनें हैं और उनके दोनों बहनोई भारतीय वायु सेना में सेवारत हैं। उनका परिवार सैन्य परंपरा और देश सेवा की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ा रहा है।

प्रद्युम्न की इस उपलब्धि पर पूरे परिवार और समाज में खुशी का माहौल है। उनके पिता ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरा बेटा देश सेवा के लिए सेना में अधिकारी बनने जा रहा है। यह हमारे परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

उनकी इस सफलता पर विद्यालय और कॉलेज के शिक्षकों ने भी शुभकामनाएं दी हैं। प्रद्युम्न की सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा है कि समर्पण और मेहनत से हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

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