उमेश चन्द्र त्रिपाठी
वाराणसी! सारनाथ स्थित केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के 16 वें दीक्षांत समारोह में सोमवार को कुल 125 छात्र-छात्राओं को पदकों से सम्मानित किया गया। इनमें 47 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 42 को रजत पदक और 36 को कांस्य पदक प्रदान किए गए। यह समारोह पांच वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित हुआ, इससे पहले वर्ष 2019 में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ था।
मुख्य अतिथि एवं संस्थान के कुलाधिपति केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने छात्रों को उपाधियां और पदक प्रदान किए। उन्होंने छात्रों को निरंतर सीखने और नवाचार की सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि भारत पारंपरिक शिक्षा का केंद्र रहा है और सनातन संस्कृति का इतिहास अनादि एवं अनंत है।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने भी इस अवसर पर विद्यार्थियों को सफलता का लक्ष्य निर्धारित कर सतत् प्रयास करते रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का असली उद्देश्य व्यावहारिक जीवन में उसकी सार्थकता को साबित करना है।
कुलपति प्रो. वांगचुक दोर्जे नेगी ने संस्थान की प्रगति और विकास यात्रा पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों की उपलब्धियों की सराहना की।
समारोह में सत्र 2023 और 2024 के पंच महाविद्या का अध्ययन कर चुके 18 छात्र-छात्राओं, पीएचडी के 14 और एमफिल के 11 विद्यार्थियों को भी गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, दिल्ली के कुलपति प्रो. श्री निवास वरखेड़ी को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। समारोह की शुरुआत में छात्र-छात्राओं ने तिब्बती और भोट भाषा में मंगलाचरण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. महेश शर्मा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव सुनीता चंद्रा ने किया। इस अवसर पर डॉ. लक्पा छेरिंग, सांस्कृतिक मंत्रालय में संयुक्त सचिव अमृता प्रसाद साराभाई और भिक्षु सिरी सुमेध थेरो सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।