धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा लुंबिनी प्रदेश की सरकार- चेतनारायण आचार्य मुख्यमंत्री
विकास के लिए सकारात्मक सोच और सहयोग जरूरी – मुख्यमंत्री
मनोज कुमार त्रिपाठी
सोनौली, महराजगंज ! नेपाल के लुंबिनी प्रांत के मुख्यमंत्री चेत नारायण आचार्य ने कहा कि उनका प्रदेश भारत की सीमा से जुड़ा है। भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी सहित प्रसिद्ध स्थल हैं। नेपाल के एक धाम रुरु जहां काली-गंड़की नदी और उसमें मिलने वाले शालीग्राम लोगों को आकर्षित करते हैं। इनके विकास के लिए प्रचार किया जा रहा है। वे सिद्धार्थ होटल संघ नेपाल के 19 स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत के महान संतो का भी प्रोग्राम इन तीर्थ स्थलों पर लगाया जा रहा है, ताकि भारतीय पर्यटक ज्यादा लुंबिनी प्रांत की ओर आकर्षित हों।
कार्यक्रम में भैरहवा के मेयर इस्तियाक खान ने कहा कि बहुत जल्द बॉर्डर पर यह व्यवस्था लागू होगी कि एक जगह गाड़ी चेक कर स्टीकर लगे और फिर कहीं विदेशी पर्यटकों की गाड़ी चेक न हो। कहा कि भारतीय पर्यटन लुंबिनी प्रांत के विकास के महत्वपूर्ण अंग है।
बता दें कि भैरहवा में सिद्धार्थ होटल संघ नेपाल (शान) ने होटल मौर्या में अपना 19 वां स्थापना दिवस और सत्कार दिवस मनाया। कार्यक्रम में लुंबिनी प्रदेश के मुख्यमंत्री चेतनारायण आचार्य मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री आचार्य ने कहा कि विकास आंदोलन से नहीं बल्कि सकारात्मक सोच और सहयोग से संभव है। कार्यक्रम में नेपाल के लुंबिनी प्रदेश के पूर्व मंत्री संतोष पांडे और मेयर इश्तियाक अहमद ने भी शिरकत की। होटल और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों ने पर्यटन को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया। सिद्धार्थ होटल संघ नेपाल के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश श्रेष्ठ ने विशेष आर्थिक पैकेज की मांग रखी। समारोह में कई प्रतिष्ठित व्यवसायियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में नेपाल-भारत मैत्री संघ रुपंदेही के अध्यक्ष श्रीचंद गुप्ता, संजय बजिमय, प्रताप बाबू तिवारी, नेत्र आचार्य, विष्णु शर्मा, डॉ. शांत कुमार शर्मा, किशोर जोशी, नलिन शर्मा न्योपाने, भोज खत्री और विनोद समेत बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और होटल व्यवसाई मौजूद रहे।