
मनोज कुमार त्रिपाठी
नौतनवां महराजगंज! भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जीतेन्द्र जायसवाल ने तहसीलों और दीवानी न्यायालयों में स्टाम्प ड्यूटी में वेंडरों द्वारा 20 प्रतिनिधि अधिक धनराशि लेने का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री, स्टाम्प एवं निबंधन मंत्री और प्रमुख सचिव स्टाम्प एवं निबंधन विभाग को भेजे पत्र में उन्होंने कहा कि महोदय आपके संज्ञान में लाना है कि नौतनवां तहसील तथा प्रदेश भर के तहसीलों और दीवानी न्यायालयों में स्टाम्प वेंडरों द्वारा जरूरतमन्दों और आम जनता से स्टाम्प की धनराशि पर 20 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है।
मसलन अगर किसी ने 100 रूपए का स्टाम्प लिया तो उनसे 120 रूपए वेंडर ले लेते हैं। अगर आम जनता ने इस अतिरिक्त 20 प्रतिशत की राशि को देने से इन्कार किया , पूछताछ की अथवा बहस किया तो वेंडर उसे स्टाम्प देने से मना कर देते हैं। मैनुअल व ई स्टाम्प दोनों की खरीद पर ग्राहक को मजबूरी में अतिरिक्त धनराशि देनी ही पड़ती है। स्टाम्प वेंडरों को इस मनमानी व अवैध वसूली या यह कहें कि “गुंडा टैक्स” दिए बिना स्टाम्प नहीं मिलना है। स्टाम्प वेंडरों के इस अवैध वसूली को लेकर आम जनमानस जहां दुखी और पीड़ा है, वहीं प्रदेश सरकार की छवि भी इन वेंडरों के कारण प्रभावित हो रही है। कोई जागरूक व्यक्ति व्यक्ति अगर तहसील प्रशासन तक जिम्मेदारों से शिकायत करता है तो भी इस अतिरिक्त धनराशि की अतिरिक्त वसूली पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
इसलिए जनहित में तहसीलों और दीवानी न्यायालयों में ऐसी प्रभावी निगरानी/व्यवस्था सुनिश्चित करने की नितान्त आवश्यकता है जिसमें कोई भी व्यक्ति अवैध वसूली का शिकार न हो और स्टाम्प वेंडरों द्वारा आम जनमानस से स्टाम्प विक्री पर अतिरिक्त धन की वसूली किसी भी दशा में न किया जा सके।