सार
उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाया। इन्वेस्ट यूपी के सीईओ और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबित किया गया है।
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
लखनऊ! उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक और सख्त कदम उठाया है। इन्वेस्ट यूपी के सीईओ और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई एक उद्यमी से रिश्वत मांगने के मामले के सामने आने के बाद की गई। इसके अलावा, उद्यमी से कमीशन मांगने वाले आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी के सख्त रुख को स्पष्ट करती है।
उद्यमी से घूस की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक उद्यमी ने उत्तर प्रदेश में सोलर इंडस्ट्री लगाने के लिए इन्वेस्ट यूपी में आवेदन किया था। इस दौरान उसे सरकारी प्रक्रिया में अड़चने डालने के बाद घूस की मांग की गई। इस मामले में उद्यमी ने रिश्वत की मांग की शिकायत उच्च अधिकारियों से की। इस शिकायत के आधार पर जांच शुरु की गई और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया। जांच में दोषी पाए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया। साथ ही, रिश्वत मांगने वाले आरोपी 40 वर्षीय निकांत जैन को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

अभिषेक प्रकाश का करियर
अभिषेक प्रकाश 2006 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में सचिव, आईडीसी विभाग और इन्वेस्ट यूपी के सीईओ का चार्ज संभाल रहे थे। अभिषेक प्रकाश का जन्म बिहार में हुआ था, और उन्होंने आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। इसके बाद, उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और पब्लिक पॉलिसी में एमए किया था। वह लखीमपुर खीरी, लखनऊ, अलीगढ़ और हमीरपुर जिलों के डीएम भी रह चुके हैं। उनके कार्यकाल में सरोजनीनगर क्षेत्र में डिफेंस कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण हुआ था, जो विवादों में रहा था।
मुख्यमंत्री योगी का भ्रष्टाचार पर सख्त रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठा रहे हैं। यह कदम इस बात को साबित करता है कि सरकार भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। इससे पहले भी कई अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है, और इस मामले में भी सख्त कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि सरकारी प्रक्रिया में कोई भी बाधा डालने या रिश्वत मांगने वाले अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उद्यमियों को भरोसा
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के उद्यमियों को यह विश्वास दिलाया है कि उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए पारदर्शी और प्रभावी माहौल बनाया जाएगा। किसी भी उद्यमी को यदि सरकारी प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न करने या रिश्वत मांगने की समस्या आती है, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। यह सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में व्यवसाय करने का वातावरण अधिक साफ-सुथरा और भ्रष्टाचारमुक्त हो।